
पेड़ से लटके अंगूर के गुच्छे,
खाते बड़े-बूढे और बच्चे ,
हरे भी होते ,काले भी,
मीठे-मीठे रसवाले भी,
मधुमेह का रोग हो जिनको,
दूर से ही वो देखें इनको,
नहीं सफलता जब भी मिलती,
"अंगूर खट्टे हैं", मम्मी मुहावरा कहती!
खाते बड़े-बूढे और बच्चे ,
हरे भी होते ,काले भी,
मीठे-मीठे रसवाले भी,
मधुमेह का रोग हो जिनको,
दूर से ही वो देखें इनको,
नहीं सफलता जब भी मिलती,
"अंगूर खट्टे हैं", मम्मी मुहावरा कहती!
waah...waah....kya baat hai.
ReplyDeletevery well wriiten.
Lotsa love n blessing to u Shrugal dear from Nimisha Aunty.
thanx nimisha aunti.
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